ज़ायोनी शासन और अमेरिका के खिलाफ मुस्लिमों के एकता और आपसी सहयोग की ज़रूरत पर बल देते हुए ईरान की संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाक़ेर क़ालीबाफ़ ने कहा कि उम्मत की नजात सिर्फ़ “प्रतिरोध” और “इत्तेहाद” में निहित है; अगर मुसलमान एकजुट हो जाएँ तो ज़ायोनी शासन और अमेरिका को परास्त किया जा सकता है।
इस्लामाबाद में पाकिस्तानी बुद्धिजीवियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए क़ालीबाफ़ ने कहा कि उम्मत-मुस्लिमा की नजात केवल इत्तेहाद और प्रतिरोध में है। इत्तेहाद वह चीज है जो जायोनी शासन के अंत और वैश्विक साम्राज्यवाद के सामने जीत की गारंटी देता है।
क़ालीबाफ़ ने कहा कि 12 दिन की लड़ाई के दौरान पाकिस्तान की ओर से ईरान के साथ जताई गई एकजुटता ने सिद्ध कर दिया कि दोनों मुल्कों के रिश्ते भाईचारे और हक़ की मांग पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि इस्राईल की आक्रामकता अमेरिकी समर्थन के साथ थोपने की कोशिश थी, मगर ईरान ने 16 घंटों के भीतर कड़ा जवाब दिया और चौथे दिन लंबी दूरी के मिसाइलों से दुश्मन को चौंका दिया। अगर इस्राईल अमेरिकी समर्थन के बिना होता तो वह एक सप्ताह से भी कम में पराजित हो जाता।
उन्होंने कहा कि इस्लामी देशों को एक होकर ज़ायोनी शासन और उसके समर्थक अमेरिका के ख़िलाफ़ खड़ा होना होगा। क़ालीबाफ़ ने कहा कि अगर उम्मत-ए मुस्लिमा एकजुट हो जाए तो कोई भी ताकत इस्लामी धरती पर नज़र डालने की हिम्मत नहीं करेगी, और यही एकता दुनिया में एक नई व्यवस्था और असली अमन का रास्ता है।
7 नवंबर 2025 - 16:42
समाचार कोड: 1747573
क़ालीबाफ़ ने कहा कि अगर उम्मत-ए मुस्लिमा एकजुट हो जाए तो कोई भी ताकत इस्लामी धरती पर नज़र डालने की हिम्मत नहीं करेगी, और यही एकता दुनिया में एक नई व्यवस्था और असली अमन का रास्ता है।
आपकी टिप्पणी